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संघ कार्य को ही अपने जीवन का प्रधान कार्य समझें ! (डाक्टर साहब का अंतिम संदेश)

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               ।।🚩ॐ श्री गुरुदेवाय नमः🚩।। संघ कार्य को ही अपने जीवन का प्रधान कार्य समझें              (डाक्टर साहब का अंतिम संदेश) दि. ०९ जून १९४० प्रातःकाल संघ-शिक्षा-वर्ग नागपुर के दीक्षान्त कार्यक्रम के समारम्भ पर अत्यन्त अस्वस्थता की स्थिति में भी प.पू.डाक्टर जी की स्वयंसेवक कार्यकर्ताओं से मिलने की व्याकुलता देखकर उन्हें वर्ग में लाया गया। स्थान-स्थान के स्वयंसेवकों के भाषणों के बाद डाक्टर जी ने छोटा-सा, पर हृदयों में हलचल उत्पन्न कर देने वाला भाषण दिया। यही उनका अन्तिम भाषण रहा मान्यवर सर्वाधिकारी जी, प्रांत-संघ-चालक महोदय, अधिकारी वर्ग तथा स्वयंसेवक बंधुओ ! मैं यह नहीं जान सकता कि मैं आज आपके सम्मुख दो शब्द भी ठीक तरह से कह सकूँगा। आप तो जानते ही हैं कि गत २४ दिनों से मैं रुग्णशय्या पर पड़ा हुआ हूँ। संघ की दृष्टि से यह वर्ष बड़े सौभाग्य का है। आज मेरे सामने मैं हिन्दू राष्ट्र की छोटी सी प्रतिमा देख रहा हूँ, किन्तु मेरी शारीरिक अस्वस्थता के कारण इतने दिन नागपुर में रहते हुए भी आपका परिचय प्राप्त कर लेने ...